Monday, 5 December 2011

अंधविश्वास

दीवाली के एक दिन पूर्व प्रातःदलिदर को सूप से बाहर हांकने की प्रथा है ताकि दूसरे दिन लक्ष्मी बिना रूकावट गृहप्रवेश कर सकें |इस प्रथा को जिलायें रखती  हैं महिलाएं |बिना इस बात की चिंता किये कि यह प्रकारांतर से उनके ही खिलाफ है |यह उसी तरह है,जैसे दहेज न ला पाने वाली बहू को घर से निकालकर या जलाकर नई बहू लाई जाती है |इस वर्ष कई ऐसी घटनाएँ हुई हैं |क्या यह जरूरी नहीं कि स्त्रियों द्वारा इन कुप्रथाओं का विरोध किया जाए ?

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