Monday, 5 December 2011

कितना अंतर है ?

भतीजे की शादी में खाने की बर्बादी देखकर मन दुखी हुआ|प्लेटों में इतना कुछ छूटा था कि जाने कितने भूखों का पेट भर जाता |दूसरे दिन कुछ गरीब बच्चे अपनी थालियों के साथ दरवाजे पर पंक्तिवत बैठे दिखे |वे खाना माँग रहे थे |निश्चित रूप से बासी |भाई ने जब गत्ते-भर पुडियाँ उनके सामने रखवाईं,तो उनकी आँखें खुशी से चमकने लगीं |वे बार -बार पुडियों को निकालकर देखते और जोर से किलकारी मारते |उनके लिए वह कीमती चीज थी |उनकी खुशी से मेरी आँखें भर आईं|आज भी कितना अंतर है दो इंसानों के बीच |कितनी खाई है दो नागरिकों के बीच और कितना अंतर है दो खुशियों के बीच !

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