Thursday 3 November 2011

प्रेमी- पांच लघु-कथाएँ

एक -सच 
एक तरफ प्रेमी दूसरी लड़की से विवाह करने जा रहा था,दूसरी तरफ प्रेमिका से 'आई लव यू' कहे जा रहा था |प्रेमिका हैरान थी कि सच क्या है ?
दो -दुनियादार 
एक दिन प्रेमी कहने लगा -मुझे हमउम्र लड़कियाँ पसंद हैं |विचारोंके आदान-प्रदान,सहज रिश्ते और आपसी सामंजस्य के लिए यह जरूरी है |
दूसरे ही दिन उसने अपने से आधी उम्र की लड़की से शादी कर ली |
तीन -मजबूर 
प्रेमी प्रगतिशील था |जाति-धर्म,छूआछूत से उसे नफरत थी |विभिन्न जाति-धर्म की अनगिनत लड़कियाँ इसी कारण उसकी दोस्त थी |एक से तो उसके रिश्ते अंतरंग भी हो गए थे |उस लड़की ने उसके सामने विवाह का प्रस्ताव रखा,तो उसने कहा -तुम सुंदर हो |तुममें वे सारे गुण हैं,जो मुझे पसंद है,पर मैं मजबूर हूँ |तुमसे विवाह नहीं कर सकता |दरअसल मैं अपनी माँ और बहनों से बहुत मोहब्बत करता हूँ और उनके हित के लिए मुझे अपनी जाति में ही विवाह करना होगा |
चार -खुशी 
'तुम मेरी शादी में आ रही हो ना'-प्रेमी ने फोन पर प्रेमिका से पूछा |
प्रेमिका ने लगभग रोते हुए कहा -कैसे आ पाऊँगी?अपनी आँखों के सामने तुम्हें किसी और का होते कैसे देख पाऊँगी ?
प्रेमी गुस्से से बोला -तुम मेरी खुशी नहीं देख सकती|आज से हमारा रिश्ता खत्म ...|
पांच -आत्महत्या 
प्रेमी ने दूसरी लड़की से शादी कर ली |बहुत दिनों बाद उसे प्रेमिका की याद आई |उसने अपने दोस्त से पूछा-कहाँ है?जिन्दा है कि मर गयी |
दोस्त -उसने नए ढंग से आत्महत्या कर ली |
'क्या मतलब ?'
उसने एक शराबी से शादी कर ली है |

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