Thursday 13 October 2011

मजहब

गफूर मियाँ शिल्पकार थे, देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाया करते थे |राम कृष्ण,गणेश,दुर्गा जैसे देवी-देवताओं से उनकी दुकान जगमगाती रहती थी |उनकी मूर्तियां बड़े-बड़े मंदिरों की शोभा बढाती थी और विदेशों में भी उनकी मांग थी |दुकान से उनकी गृहस्थी आराम से चल रही थी |वे पाँचों वक्त के नमाजी थे,धर्म-कर्म में उनकी बड़ी आस्था थी | आदमी भी बड़े बढियां थे |अभिमान तो मानो उन्हें छू तक नहीं गया था |सबके सुख-दुःख में हिस्सेदार रहते थे
दंगे में उनकी दुकान लूट ली गयी |मूर्तियां तोड़-फोड़ दी गयीं और वे इसलिए कत्ल कर दिए गए कि मुसलमान थे |यह रहस्य ही है कि उनके कातिल का मजहब क्या था ?

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