Monday 17 October 2011

परिवर्तन

"माँ ...माँ सुना तुमने ?डाक्टर रमेश तिवारी के बेटे ने एक हरिजन कन्या से विवाह कर लिया ...|"
"बहुत अच्छा किया |हमारे नौजवान ही देश की दशा सुधार सकते हैं |जाति-धर्म व्यर्थ के ढकोसले हैं |विवाह की सफलता तो सच्चे और अच्छे जीवन-साथी पर निर्भर है और अच्छा साथी जिस जाति-धर्म में मिले,चुन लेना चाहिए |"
"माँ" कितनी अच्छी हो तुम !कितने महान विचार हैं तुम्हारे!बहुत दिनों से तुम्हें एक बताना चाह रही थी |मैं ...कल्लू धोबी के बेटे रवि चौधरी से प्यार करती हूँ और उससे ....|"
'चटाक....|कमबख्त ...बेशर्म ....नीच ...कुलबोरनी!ब्राह्मण कन्या होकर एक शूद्र से ...!हमारे खानदान में ना तो ऐसा हुआ है ,ना होगा |दो अक्षर पढ़ क्या गयी ...परम्परागत नियमों को तोड़ने चली हो |कल से तुम्हारा कालेज जाना बंद ...|

1 comment:

  1. apne liye kuch doosro ke liye kuch ye hi hamara durbhagya hai

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